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Anchoring script for annual function in hindi

Anchoring script for annual function in hindi

Entry (By dance or By Sing a Song)
After Entry
हेल्लो, नमस्कार, केम छो, क्या हाल चाल….
स्वागत करता हूँ आप सभी का इस इस प्यारी सी, शानदार सी, झिलमिलाती सी शाम में…जिसे खास आप लोगों के लिए सजाया है (Name of College) ने…तो एक बार जोरदार तालियाँ हो जाए (Name of College) के लिए!
दोस्तों,,

मिलते तो बहुत लोग है ज़िन्दगी की राहों में, 2
लेकिन हर किसी में आप जैसी बात नहीं होती….

जी हाँ, ज़िन्दगी में कुछ खास लम्हें होते हें और उन खास लम्हों में से कुछ लम्हें बड़े यादगार होते हैं और उन लम्हों को यादगार बनाते हैं आप जैसे खास दोस्त
तो एक बार ज़ोरदार तालियाँ हो जाए आप सभी दोस्तों के लिए|
दोस्तों, आज की इस शाम में आपको कुछ ऐसी खास Performance देखने को मिलेगी जिसे देख आप बस यही कहेंगे…“वाह क्या बात…क्या बात…क्या बात”….
              निश्चित रूप से इन सभी Performance में से कुछ खास Performance को ढूँढ़ निकालना अपने आप में एक बड़ी बात होती है…इसलिए निर्णायक के रूप में हमने आज की इस शाम में आमंत्रित किया है…
( Name of Judges) को
First Performance
तो ज्यादा वक़्त ना लेते हुए आज की शाम को आगे बढ़ाते हैं…और बुलाते हें,,

  आँखे जिनकी मस्त हैं,Dance में भी जो जबरदस्त हैं…Studies में जिनका कोई जवाब नहीं,हर काम में जो First है…

आप सभी की ज़ोरदार तालियों के बिच स्वागत किजिए…(Name of Contestant)
(After Performance)
क्या बात है…. इतनी शानदार Performance देखकर मुझे भी एक शेर याद आ गया!
अर्ज़ किया है……

 मन मचल के मौर होना चाहिए,
इस शानदार सी शाम में थोडा शोर होना चाहिए….
दिखाने को तो हम रात भर डांस दिखाए आपको,
मगर आपकी तालियों में भी थोडा ज़ोर होना चाहिए!

Second Performance
तो शानदार सी शाम में आप सभी को Entertain करने का दौर चल चूका है, और इसी दौर को आगे बढ़ाते हुए….

इस धमाकेदार डांस के बाद, अब देसी गर्ल्स की है बारी…
पर वो तब ही आएंगी, जब बजेंगी तालियाँ ढेर सारी!

So please put your hands to gather,, for the Desi Girls please welcome….( Name of Contestant)
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(After Performance)
क्या बात है(Loudly), वाकई में इतनी शानदार डांस डांस Performance देखने के बाद मुझे तो बस एक दी बात बार-बार  दिल में आ रही है, कि

 वो खुद ही नाप लेते हें बुलंदी आसमानों की,
परिंदों को नहीं तालीम दी जाती उड़ानों की…२
महकना और महकाना तो काम है खुशबु का,
खुशबु नहीं मोहताज़ होती क़द्रदानों की…२


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