15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस भाषण हिंदी में | Independence Day Speech in Hindi
साथियों नमस्कार,
स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए भारत के कई वीर सपूतों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया, तब जाकर हमें आज़ादी नसीब हुई थी| वह 26 जनवरी 1947 का दिन था जब भारत से अंग्रेजों को खदेड़कर भारत ने आज़ादी का सहरा पहना था|आज हम हर साल 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मानते हैं| इस दिन School, College और Office में झंडा वंदन कर स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है| कई बार हमको इस अवसर पर Stage पर बोलने का मौका मिलता है| इसीलिए आज हम आपके लिए हिंदी में स्वतंत्रता दिवस भाषण ( Independence Day Speech in Hindi) लेकर आएं हैं, जिसका उपयोग आप School, College और Office में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कर सकते हैं|
स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए भारत के कई वीर सपूतों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया, तब जाकर हमें आज़ादी नसीब हुई थी| वह 26 जनवरी 1947 का दिन था जब भारत से अंग्रेजों को खदेड़कर भारत ने आज़ादी का सहरा पहना था|आज हम हर साल 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मानते हैं| इस दिन School, College और Office में झंडा वंदन कर स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है| कई बार हमको इस अवसर पर Stage पर बोलने का मौका मिलता है| इसीलिए आज हम आपके लिए हिंदी में स्वतंत्रता दिवस भाषण ( Independence Day Speech in Hindi) लेकर आएं हैं, जिसका उपयोग आप School, College और Office में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कर सकते हैं|
Independence Day Speech in Hindi
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मरने वालों का बस यही बाकि निशा होगा!
वतन पर मरने वालों का बस यही बाकि निशा होगा!
भारत माता की-जय
आदरणीय अतिथिगण, प्रधानाध्यापक , अध्यापकगण, पधारे हुए अभिभावक और मेरे सभी सहपाठियों को स्वतंत्रता दिवस के पवन अवसर पर शुभकामनाए देता हूँ| आज हम सब भारत के स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर यहाँ एकत्रित हुए हैं| इस वर्ष हम स्वतंत्रता दिवस की ……. वीं वर्षगांठ मन रहें हैं| इस अवसर पर हमारे विद्यालय में झंडावंदन और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है|
आदरणीय अतिथिगण, प्रधानाध्यापक , अध्यापकगण, पधारे हुए अभिभावक और मेरे सभी सहपाठियों को स्वतंत्रता दिवस के पवन अवसर पर शुभकामनाए देता हूँ| आज हम सब भारत के स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर यहाँ एकत्रित हुए हैं| इस वर्ष हम स्वतंत्रता दिवस की ……. वीं वर्षगांठ मन रहें हैं| इस अवसर पर हमारे विद्यालय में झंडावंदन और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है|
साथियों, आज़ादी के जिस सवेरे को आज हम सभी यहाँ देख रहें हैं| यह आज़ादी हमें रातों रात नहीं मिली| इस आज़ादी के लिए हमारे कई वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुतियाँ दी है| आज स्वतंत्रता दिवस के इस शुभ अवसर पर में उन सभी वीर सपूतों को को श्रधांजलि देते हुए नमन करता हूँ|
दोस्तों, हम प्रतिवर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मानते हैं क्यों कि 15 अगस्त सन 1947 को भारत ने कई वर्षों बाद आज़ादी की पहली सुबह देखि थी| इस दिन पहली बार भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नहरू ने लाल किले पर तिरंगा फहराया था| आज भारत को आज़ाद हुए …… वर्ष हो चुकें हैं| आज भी प्रतिवर्ष भारत के प्रधानमंत्री लाल किले पर राष्ट्रध्वज तिरंगे को फहराकर पुरे देश को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ देते हैं|
साथियों, आज हम अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों से तो आज़ाद हो गए हैं, लेकिन आज भी हमारे देश को भ्रष्ट्राचार, गरीबी और भुखमरी जैसी जंजीरों ने जकड रखा है| दोस्तों, कहा गया है की किसी भी देश का भविष्य उस देश के युवा होते हैं, युवा पीडी के हाथ में ही देश की बागडौर होती है| भारत को आज़ादी दिलाने में युवाओं का ही योगदान था| इसीलिए आज 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर हम सभी को यह प्रण लेना चाहिए की हम भारत को भ्रष्ट्राचार, गरीबी और भुखमरी की जंजीरों से आज़ाद कर देंगे| आज हम सभी यह प्रण लें की हम सभी ना तो भ्रष्टाचार करेंगे और ना ही करने देंगे|
भारत की आज़ादी से कूछ साल पहले अंग्रेजों के अत्याचारों से तंग आकर भारत में आजादी की एक लहर ने जन्म लिया था| अंग्रेजी हुकूमत से विद्रोह की कुछ ऐसी आंधी चली की भारत का बच्चा-बच्चा भारत की आज़ादी के लिए स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुआ| एक और महात्मा गाँधी अहिंसा के मार्ग से भारत की आज़ादी के लिए लड़ रहें थे वहीँ दूसरी और सुभाषचंद्र बोस, भगतसिंह, राजगुरु और चंद्रशेखर आज़ाद जैसे कुछ क्रांतिकारियों ने अंग्रजी हुकुमत के नाक में दम कर रखा था| भारत को अंग्रेजों से आज़ाद करने के लिए भगतसिंह, राजगुरु और चंद्रशेखर आज़ाद सहित कई क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहुतियाँ दे दी|
साथियों, कुछ ऐसा ही ज़ज्बा हमें हमारे देश को भ्रष्ट्राचार, गरीबी और भुखमरी जैसी जंजीरों से आज़ाद करने के लिए रखना होगा| तब जाकर हम भारत वर्ष को असल में आज़ादी दिला पाएँगे| हमें हमारे कर्तव्यों को समझना होगा, इस देश को पुनः सोने की चिड़िया बनाने के लिए हमें फिर से एक स्वतंत्रता आन्दोलन छेड़ना होगा|
किसी शायर की चंद पंक्तियों के साथ में आप सभी से विदा लेना चाहूँगा, कि
वो खुद ही नाप लेते हैं बुलंदी आसमानों की,
परिंदों को नहीं तालीम दी जाती उड़ानों की…
महकना और महकाना तो सिर्फ काम है खुशबु का,
खुशबु नहीं मोहताज होती कद्रदानों की!!
परिंदों को नहीं तालीम दी जाती उड़ानों की…
महकना और महकाना तो सिर्फ काम है खुशबु का,
खुशबु नहीं मोहताज होती कद्रदानों की!!
जयहिन्द….जयभारत