Poem on Mahatma Gandhi in Hindi गांधी जयंती कविता
⧭ वाचन प्रेरणा दिन शायरी / चारोळी/कविता , DR.A.P.J.ABDUL KALAM WHATSAPP MSG
⧭ डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम यांचे मोटीव्हेशनल विचार
⧭ वाचन प्रेरणा दिवसासाठी घोषणा
⧭ डॉ ऐ. पी. जे. अब्दुल कलाम मराठी भाषण,मराठी माहिती ,सूत्रसंचालन
⧭ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम - वाचन प्रेरणादिन हिन्दी भाषणे
⧭ वाचन प्रेरणा दिन - ए.पी.जे. अब्दुल कलाम मराठी माहिती – DR. APJ ABDUL KALAM INFORMATION IN MARATHI
बापू महान, बापू महान!
ओ परम तपस्वी परम वीर
ओ सुकृति शिरोमणि, ओ सुधीर
कुर्बान हुए तुम, सुलभ हुआ
सारी दुनिया को ज्ञान
बापू महान, बापू महान!!
बापू महान, बापू महान
हे सत्य-अहिंसा के प्रतीक
हे प्रश्नों के उत्तर सटीक
हे युगनिर्माता, युगाधार
आतंकित तुमसे पाप-पुंज
आलोकित तुमसे जग जहान!
बापू महान, बापू महान!!
दो चरणोंवाले कोटि चरण
दो हाथोंवाले कोटि हाथ
तुम युग-निर्माता, युगाधार
रच गए कई युग एक साथ ।
तुम ग्रामात्मा, तुम ग्राम प्राण
तुम ग्राम हृदय, तुम ग्राम दृष्टि
तुम कठिन साधना के प्रतीक
तुमसे दीपित है सकल सृष्टि ।
ओ परम तपस्वी परम वीर
ओ सुकृति शिरोमणि, ओ सुधीर
कुर्बान हुए तुम, सुलभ हुआ
सारी दुनिया को ज्ञान
बापू महान, बापू महान!!
बापू महान, बापू महान
हे सत्य-अहिंसा के प्रतीक
हे प्रश्नों के उत्तर सटीक
हे युगनिर्माता, युगाधार
आतंकित तुमसे पाप-पुंज
आलोकित तुमसे जग जहान!
बापू महान, बापू महान!!
दो चरणोंवाले कोटि चरण
दो हाथोंवाले कोटि हाथ
तुम युग-निर्माता, युगाधार
रच गए कई युग एक साथ ।
तुम ग्रामात्मा, तुम ग्राम प्राण
तुम ग्राम हृदय, तुम ग्राम दृष्टि
तुम कठिन साधना के प्रतीक
तुमसे दीपित है सकल सृष्टि ।
➡️ महात्मा गांधी के नारे Mahatma Gandhi slogan –
➡️ महात्मा गांधी पर कविता
गांधी जयंती पर देशभक्ति कविता हिन्दी में Gandhi Jayanti Desh Bhakti Kavita
जिस बापू ने सारे जग में
हिन्दुस्तान का नाम किया
उस पर ही इक घात लगाकर
अनहोनी ने काम किया
बापू ने बस राम कहा और
चिर निद्र में विश्राम किया
यह संसार नमन करता है
आजादी की शान को
हम श्रद्धा से याद करेगें
गाँधी के बलिदान को.
हिन्दुस्तान का नाम किया
उस पर ही इक घात लगाकर
अनहोनी ने काम किया
बापू ने बस राम कहा और
चिर निद्र में विश्राम किया
यह संसार नमन करता है
आजादी की शान को
हम श्रद्धा से याद करेगें
गाँधी के बलिदान को.
➡️ महात्मा गांधी के नारे Mahatma Gandhi slogan –
➡️ महात्मा गांधी पर कविता
गाँधी जयंती पर बेस्ट पोएम Gandhi Jayanti Best Poem Kavita Hindi
ली सच की लाठी उसने
तन पर भक्ति का चोला
सबक अहि़सा का सिखलाया
वाणी में अमृत उसने घोला
बापू के इस रंग में रंग कर
देश का बच्चा- बच्चा बोला
कर देगें भारत माँ पर अर्पण
हम अपनी जान को
हम श्रद्घा से याद करेगें
गाँधी के बलिदान को
तन पर भक्ति का चोला
सबक अहि़सा का सिखलाया
वाणी में अमृत उसने घोला
बापू के इस रंग में रंग कर
देश का बच्चा- बच्चा बोला
कर देगें भारत माँ पर अर्पण
हम अपनी जान को
हम श्रद्घा से याद करेगें
गाँधी के बलिदान को
चरखे के ताने बाने से उसने
भारत का इतिहास रचा
हिन्दू,मुस्लिम,सिख,ईसाई
सबमें इक विश्वास रचा
सहम गया विदेशी फिरंगी
लड़ने का अभ्यास रचा
मान गया अंग्रेजी शासक
बापू की पहचान को
हम श्रद्धा से याद करेगें
गाँधी के बलिदान को
भारत का इतिहास रचा
हिन्दू,मुस्लिम,सिख,ईसाई
सबमें इक विश्वास रचा
सहम गया विदेशी फिरंगी
लड़ने का अभ्यास रचा
मान गया अंग्रेजी शासक
बापू की पहचान को
हम श्रद्धा से याद करेगें
गाँधी के बलिदान को
➡️ महात्मा गांधी के नारे Mahatma Gandhi slogan –
➡️ महात्मा गांधी पर कविता
Short Poem on MK Gandhi Ji – गांधी जी पर लिखी कविताएं
धोती वाले बाबा की
यह ऐसी एक लडा़ई थी
न गोले बरसाये उसने
न बन्दूक चलायी थी
सत्य अहि़सा के बल पर ही
दुश्मन को धूल चटाई थी
मन की ताकत से ही उसने
रोका हर तूफान को
हम श्रद्धा से याद करेगें
गाँधी के बलिदान को
यह ऐसी एक लडा़ई थी
न गोले बरसाये उसने
न बन्दूक चलायी थी
सत्य अहि़सा के बल पर ही
दुश्मन को धूल चटाई थी
मन की ताकत से ही उसने
रोका हर तूफान को
हम श्रद्धा से याद करेगें
गाँधी के बलिदान को
बापू के जन्म दिवस पर कविता [ Bapu Ji ] Gandhi Jayanti Kavita
एक थे लाल और एक थे बापू ,
कहाँ हैं अब ऐसे लाल और बापू ,
दोनों ने जीवन ,सर्वस्व किया ,नौछावर ,
अपनी इस जननी की खातिर ,
आओ मिलकर दिया जलाएं ,
जन्मदिन उनका मनाएँ ,
सुख ,समृधि का जो देखा उन्होंने सपना ,
उसको पूरा करने का क्योँ न ले प्रण अपना |
प्यारे बापू प्यारे शास्त्री जी ,
धन्यभाग हमारे ,
जो हम इस धरती पर आए ,
जहां ऐसे कर्णधार हमने हैं पाये |
अपने कर्मठ अमर सपूतों को ,
उनके पसीने की एक एक बूंदों को
क्योँ न याद करे हम दोनों को ,
भावबिह्वलहोकर दोनों को
इस धरा के अमर सपूतों को ,
एक ने बोला जय जवान -जय किसान ,
दूसरे बोले रघुपति राघव राजा राम
दोनों की थी एक ही बोली ,
देश हमारा खेले होली(रंगों की),
क्योँ न बोलें हम ये आज ,
जय हो
जय हो जय हो हे गांधी तेरी जय हो
तुमने हमें सिखाया, जो भी उसकी
सदा विजय हो
धर्मभाव भूतल में छाए
कर्मभाव जन जन में आए
निष्कामी जीवन फल पाए
ईश्वर में विश्वास अटल मन स्वस्थ
नितांत अभय हो
सत्य सनातन नित्य प्रचारें
शुभ कृतियों के तथ्य विचारेँ
निज मानस के दोष सुधारें
करें सभी स्वाध्याय निरंतर पाप सभी
के क्षय हों
ऊंच नीच के भाव बिसारें
कलुष कामना सकल निवारें
समता भाव समाज प्रसारें
सदाचार हो ध्येय हमारा नवयुग का
अभिनय हो
आत्मशक्ति विस्तार करें हम
दीनों का उद्धार करें हम
शरणागत का मान करें हम
निज सर्वस्व राष्ट्र पर वारें, हर प्रभात
संचय हो
➡️ महात्मा गांधी के नारे Mahatma Gandhi slogan –
➡️ महात्मा गांधी पर कविता
महात्मा गाँधी जी पर कविता: 2
जन्मदिवस बापू का आया
जन्मदिवस बापू का आया
सारे जग ने शीश नवाया
यह जीवन की शिक्षा का दिन
पावन आत्मपरीक्षा का दिन
मानवता की इच्छा का दिन
जगती का कण-कण हर्षाया
जन्मदिवस बापू का आया
जिसने खुशियाँ दी जीवन को
कोटि-कोटि दलित जनों को
सरल कर दिया जीवन रण को
ऊँच-नीच का भेद मिटाया
जन्मदिवस बापू का आया
जन्मदिवस बापू का आया
सत्य प्रेम का पथ अपना कर
क्षमा, कर्म के भाव जगा कर
स्वर्ग उतारा था वसुधा पर
युग का था अभिशाप मिटाया
जन्मदिवस बापू का आया
आज तुम्हारी मीठी वाणी
गूँज रही जानी पहचानी
अमर हुए तुम जीवन-दानी
घर-घर नव प्रकाश लहराया
जन्मदिवस बापू का आया
तुमने अपना आप गँवाकर
दानवता के बाग़ मिटाकर
सबके आगे माथ झुकाकर
मानवता का मान बढाया
जन्मदिवस बापू का आया
➡️ महात्मा गांधी के नारे Mahatma Gandhi slogan –
➡️ महात्मा गांधी पर कविता
महात्मा गाँधी जी पर कविता : 3
भारत के सम्मान है गाँधी।
इस युग कि पहचान हैं गाँधी।।
चौराहों पर खड़े है गाँधी।
मैदानो के नाम है गाँधी।।
दीवारों पर टंगे है गाँधी।
पढने -पढ़ाने में है गाँधी।।
राजनीति में भी है गाँधी।
मज़बूरी का नाम हैगाँधी।।
टोपी कि एक ब्रांड है गाँधी।
वोट में गांधी ,नोट में गाँधी।।
अगर नहीं मिलते तो वह है।
जनमानस की सोच में गांधी।।
➡️ महात्मा गांधी के नारे Mahatma Gandhi slogan –
➡️ महात्मा गांधी पर कविता
महात्मा गाँधी जी पर कविता : 4
अब तुम मान जाओ कि तुम मर चुके हो मोहनदास
वरना बड़े-बड़ों की लाख कोशिशों के बावजूद
आज किसी गली से इकलौता पागल न गुजरता राम धुन गाते हुए
गांधीवाद को यूं न घसीटा जाता सरेआम
आक्रोश को अहिंसा का मुखौटा पहनाते हुए
न बेची जाती दो टके में ईमान, भरे बाजार में
तुम्हारे आदर्शों का चादर चढ़ाते हुए
वरना दो अक्टूबर को ही केवल याद न किया जाता
तुम्हें दिलों में जिंदा रखने की झूठी कसमें खाते हुए
यूं रोज हजार बार तुम्हें दफनाया जाता है
तुम्हें अभिदान के तख्ते पर चढ़ाते हुए इसीलिए
अब मान जाओ कि तुम मर चुके हो मोहनदास
और यह वादा है हमारा कि हम चंद लम्हों में ही
तुम्हारे वजूद को खत्म कर देंगे
तुम्हारी जय-जयकार करते हुए
अब तुम मान भी जाओ कि तुम मर चुके हो मोहनदास।