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मुहर्रम शायरी (Muharram Shayari)

मुहर्रम शायरी (Muharram Shayari)




कर्बला की शहादत इस्लाम बना गई
खून तो बहा था लेकिन हौसलों की उड़ान दिखा गई..

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इमाम का हौसला
इस्लाम जगा गया 
अल्लाह के लिए उसका फर्ज 
आवाम को धर्म सिखा गया

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कर्बला की उस ज़मी पर खून बहा 
कत्लेआम का मंज़र सजा 
दर्द और दुखों से भरा था जहां 
लेकिन फौलादी हौसलों को शहीद का नाम मिला

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न हिला पाया वो रब की मैहर को 
भले जीत गया वो कायर जंग 
पर जो मौला के दर पर बैखोफ शहीद हुआ 
वही था असली सच्चा पैगम्बर

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मुहर्रम में याद करो वो कुर्बानी 
जो सिखा गया सही अर्थ इस्लामी 
न डिगा वो हौसलों से अपने 
काटकर सर सिखाई असल जिंदगानी

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कर्बला की शहादत इस्लाम बना गयी,

स्वतंत्रता दिवस क्या है क्यों मनाते हैं? 15 अगस्त की हिंदी जानकारी
खून तो बहा था लेकिन कुर्बानी हौसलों की उड़ान दिखा गयी।

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कर्बला की कहानी में कत्लेआम था लेकिन हौसलों के आगे हर कोई गुलाम था,

खुदा के बन्दे ने शहीद की कुर्बानी दी इसलिए उसका नाम पैगाम बना।

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क्या जलवा कर्बला में दिखाया हुसैन ने,

सजदे में जा कर सर कटाया हुसैन ने,

नेजे पे सिर था और जुबां पर अय्यातें,

कुरान इस तरह सुनाया हुसैन ने।

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गुरूर टूट गया कोई मर्तबा ना मिला,

सितम के बाद भी कुछ हासिल जफा ना मिला,

सिर-ऐ-हुसैन मिला है यजीद को लेकिन शिकस्त यह है की फिर भी झुका हुआ ना मिला।

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जन्नत की आरजू में कहा जा रहे है लोग,

जन्नत तो कर्बला में खरीदी हुसैन ने,

दुनिया-ओ-आखरत में रहना हो चैन सूकून से तो जीना अली से सीखे और मरना हुसैन से।

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करीब अल्लाह के आओ तो कोई बात बने,

ईमान फिर से जगाओ तो कोई बात बने,

लहू जो बह गया कर्बला में,

उनके मकसद को समझा तो कोई बात बने।

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सिर गैर के आगे न झुकाने वाला और नेजे पर भी कुरान सुनाने वाला,

इस्लाम से क्या पूछते हो कौन है हुसैन,

हुसैन है इस्लाम को इस्लाम बनाने वाला।

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हुसैन तेरी अता का चश्मा दिलों के दामन भिगो रहा है,

ये आसमान में उदास बादल तेरी मोहब्बत में रो रहा है,

सबा भी जो गुजरे कर्बला से तो  उसे कहता है अर्थ वाला,

तू धीरे गूजर यहाँ मेरा हुसैन सो रहा है।

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ना जाने क्यों मेरी आँखों में आ गए आँसू,

सिखा रहा था मैं बच्चे को कर्बला लिखना।

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पानी का तलब हो तो एक काम किया कर,

कर्बला के नाम पर एक जाम पिया कर,

दी मुझको हुसैन इब्न अली ने ये नसीहत,

जालिम हो मुकाबिल तो मेरा नाम लिया कर।

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वो जिसने अपने नाना का वादा वफा कर दिया,

घर का घर सुपुर्द-ए-खुदा कर दिया,

नोश कर लिया जिसने शहादत का जाम,

उस हुसैन इब्न अली को लाखों सलाम।

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खून से चराग-ए-दीन जलाया हुसैन ने,

रस्म-ए-वफ़ा को खूब निभाया हुसैन ने,

खुद को तो एक बूँद न मिल सका लेकिन करबला को खून पिलाया हुसैन ने।

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फिर आज हक़ के लिए जान फिदा करे कोई,

वफ़ा भी झूम उठे यूँ वफ़ा करे कोई, नमाज़ 1400 सालों से इंतजार में है,

हुसैन की तरह मुझे अदा करे कोई।

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एक दिन बड़े गुरूर से कहने लगी ज़मीन,

ऐ मेरे नसीब में परचम हुसैन का,

फिर चाँद ने कहा मेरे सीने के दाग देख,

होता है आसमान पर भी मातम हुसैन का।

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यूँ ही नहीं जहाँ में चर्चा हुसैन का,

कुछ देख के हुआ था जमाना हुसैन का,

सर दे के जो जहाँ की हुकूमत खरीद ली,

महँगा पड़ा यजीद को सौदा हुसैन का।

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दश्त-ए-बाला को अर्श का जीना बना दिया,

जंगल को मुहम्मद का मदीना बना दिया,

हर जर्रे को नजफ का नगीना बना दिया,

हुसैन तुमने मरने को जीना बना दिया।

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न हिला पाया वो रब की मैहर को,

भले ही जीत गया वो कायर जंग,

पर जो मौला के डर पर बैखोफ शहीद हुआ,

वही था असली और सच्चा पैगंबर।

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आँखों को कोई ख्वाब तो दिखायी दे,

ताबीर में इमाम का जलवा तो दिखायी दे,

ए इब्न-ऐ-मुर्तजा सूरज भी एक छोटा सा जरा दिखायी दे।

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कर्बला को कर्बला के शहंशाह पर नाज है,

उस नवासे पर मुहम्मद को नाज है,

यूँ तो लाखों सिर झुके सजदे में लेकिन हुसैन ने वो सजदा किया जिस पर खुदा को नाज है।

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कर्बला की जमीं पर खून बहा,

कत्लेआम का मंजर सजा,

दर्द और दुखों से भरा था सारा जहां लेकिन फौलादी हौसले को शहीद का नाम मिला।

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इमाम का हौसला इस्लाम जगा गया,

अल्लाह के लिए उसका फर्ज आवाम को धर्म सिखा गया।

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ऐसी नमाज़ कौन पढ़ेगा जहां,

सजदा किया तो सर ना उठाया हुसैन ने,

सब कुछ खुदा की राह में कुर्बान कर दिया,

असग़र सा फूल भी ना बचाया हुसैन ने।

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हथियारों से जंग जीती जा सकती है पर दिल नहीं,

दिल तो किरदार से जीते जाते है।

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ना पूछ वक़्त की इन बेजुबान किताबों से,

सुनो जब अज़ान तो समझो के हुसैन जिंदा है।

मुहर्रम ग़ज़ल इन उर्दू  Muharram Gazal Sher E Shayri

दश्त ए बाला को अर्श का जीना बना दिया
दश्त-ए-बाला को अर्श का ज़ीना बाना दिया जंगल को मुहम्मद का मदीना बन्ना दीया
हर ज़र्रे को नजफ का नगीना बना दिया हुसैन तुम ने मरने को जीना बना दिया

शमशेर से मोला ने कहा चला मगेजर ऐसे

शमशेर से मोला ने कहा चला मगर ऐस
हो ख़ैबर-ओ-खंडक मैं भी हाल चाल मगर ऐसे
इस मेह्दान में रहे मौत की जाल थल मगर ऐसे
इस दश्त मैं रहे खून की दलदल ऐसे
तू जिस पे उत्तर गए मैं उस का वाली हूँ
वोह सिर्फ अली था मैं हुसैन इब्न ए अली हूँ

Muharram Karbala and Imam Hussain Shayari in Urdu

मुहर्रम कर्बला और इमाम हुसैन शायरी

मुहर्रम उल हरम
अफज़ल है कुल जहाँ से घराना हुसैन का
निबिओं का ताजदार है घराना हुसैन का
एक पल की थी बस हुकूमत यजीद की
सदियन हुसैन रा है जमाना रा हुसैन का

तरीका मिसाल असी कोई दोंड के लिए
सर तन से जुड़ा भी हो मगर मौत न आये
सोचन मैं सबर ओ राजा के जो मफिल
एक हुसैन रा अब अली रा जैन मैं आये

मुहर्रम ताजिया 2018 गज़ल शेर ए शायरी इन उर्दू

इश्क मैं किया लुटिया इश्क मैं किया बेचेन
अल ए नबी ने लिख दिया सारा नसीब रीत पर

कर्बला को कर्बला के शहंशाह पर नाज़ है
उस नवासे पर मुहम्मद मुस्तफा को नाज़ है
यूँ तू लाकोउन सजदे के मुखुक ने मगर
हुसैन ने वो सजदा किया जिस पर खुदा को नाज़ है

मुहर्रम शायरी इन हिंदी  Muharram Shayari in Hindi

कर्बला की शाहदत इस्लाम बन गई
खून तो बहा था लेकिन हौशालो की उडान बन गई

इमाम का होशाला
इस्लाम बना गया
अल्लाह के लिए उसका फ़र्ज़
आवाम को धर्म सिखा गया

कर्बला की उस जमी पर खून बहा
कत्लेआम का मंजर सजा
दर्द और दुखो से भरा था जहा
लेकिन फौलादी हौसले को शहीद का नाम मिला

Muharram Tajiya Gazal Sher E Shayri in Urdu

न हिला पाया वो रब की मैहर को
भले जीत गया वो कायर जंग
पर जो मौला के दर पर बैखोप शहीद हुआ
वही था असली सच्चा पैगम्बर

Karbalaa  Sher E Shayari in English 

Dy Ke Sarr Shabber Nay Islaam Zindaa Kar Diyaa
Karblaa Ko Jis Ke Sajdy Ne Muallah Kar Diyaa,

Hasharr Tak Koi Yazeedi Sarr Uthaa Sakta Nahain
Jis Ka Mutlab Zindagi Bharr Deen Chuka Sakta Nahain

Faatima Ke Laal Nay Ehsaan Easa Kar Diyaa
Karbalaa Ko Jis Ke Sajdy Ne Muallah Kar Diyaa…!!!

Muharram Shayari In Hindi

Ek Din Bade Ghroor Ek din bade ghroor se
kehne lagi zameen
Aya mere naseeb mein parchum Husain ka
Phir chand ne kaha mere seene ke daagh dekh
Hota hai aasmaan pe bhi maatam Husain ka

Ghuroor toot gya, koi martaba na mila,
Jafaa kay ba’ad bhi kuchh haasil-e-jafaa na mila
Sar-e-Hussain mila, haan, Yazeed ko, laikin,
Shikast yeh hai kay phir bhi jhuka hua na mila


Na cheez hun mein, qaabil-e-tauqeer nahin,
Taqreer meri layeq-e-tehreer nahin
Kafir kaho, mushrik kaho, jo kehna hai keh do,
Hindu hun magar dushman-e-Shabbeer nahin.

Muharram Shayari Sunni In Hindi

Aankhon Ko Koi Khwaab
Aankhon ko koi khwaab to dikhayi de Tabeer me
Imam ka jalwa dikhayi de Aye! I
E-Murtuza tere samne
Suraj bhi ek chota sa zarra dikhayi de

Imam Hussain ki Shaan Mein Shayari in Hindi

Keh Do Gham-E- Husain Manany Walon Ko
Momin Kbhi Shaheed Ka Matam Nhi Krte

Hy Ishq Apni Jan Se Zyada Aal-E-Rasol Se
Yun Sar-E-Aam Hum Unka Tamasha Nai Krty

Roein Wo Jo Munkir Hain Shahadat-E-HUSSAIN K
Hum Zinda-O-Javaid Ka Matam Nahi Kertay

Karbala Shayari Hindi Karbala Status

करीब अल्लाह के आओ तो कोई बात बने
ईमान फिर से जगाओ तो कोई बात बने
लहू जो बह गया कर्बला में
उनके मकसद को समझो तो कोई बात बने।

क्या जलवा कर्बला में दिखाया हुसैन ने
सजदे में जा कर सिर कटाया हुसैन ने
नेजे पे सिर था और ज़ुबान पे अय्यातें
कुरान इस तरह सुनाया हुसैन ने।

Allama Iqbal Shayari On Karbala In Hindi

सिर गैर के आगे ना झुकाने वाला
और नेजे पे भी कुरान सुनाने वाला
इस्लाम से क्या पूछते हो कौन हुसैन
हुसैन है इस्लाम को इस्लाम बनाने वाला।

Muharram Tazia Shayari

आंखों को कोई ख्वाब तो दिखायी दे
ताबीर में इमाम का जलवा दिखायी दे
ए! इब्न-ऐ-मुर्तजा
सूरज भी एक छोटा सा जरा दिखायी दे।

Muharram Status In English

Dasht-e-Bala Ko Arsh Ka Zeena Bana Diya
Jangal Ko Muhammad Ka Madina Bana Diya
Hr Zarry Ko Najaf Ka Nagina Bana Diya
Hussain Ne Marny Ko Jeena Bana Diya

Kab Tha Pasand Rasool Ko Rona Hussain Ka
Aaghosh-e-Fatima thi Bichona Hussain Ka
Be Gor-o-Be Kafan Hy Qayamat Se Kam Nahi
Sehra Ki Garm Rait Pr Sona Hussain Ka

Muharram Status For Whatsapp In Hindi

न हिला पाया वो रब की मैहर को
भले जात गया वो कायर जंग
पर जो मौला के दर पर बैखोफ शहीद हुआ
वही था असली और सच्चा पैगम्बर।

Muharram Status For Facebook

Falak Nashin Ne Diya Wo Kamal Mitti Ko
Shifa Bana Gaya Zehra Ka Laal Mitti Ko
Ye Janti Hai K Hum Log Bu-Turabi Hain
Paray Ga Rakhna Hamara Khayal Mitti Ko

Phota Tha Jo Kabhi Kisi Naize Ki Nook Sai!
Har Ehaid Par Maheet Wahi Inqilab Hai!
Har Dour Main Hussain Nai Sabit Ye Kar Dia!
Har Dour K Yazeed Ka Khana Kharab Hai!

Muharram Karbala Quotes In Hindi

Zinda rehne ke liye SHAH ki aza kafi hai,
humko bas Fatima Zehra ki dua kafi hai,
chahe kitni he mukhalif ho zamane ki hawa,
humko Abbas ke parcham ki hawa kafi hai

Imam Hussain Status In Hindi

Taqat Matam-e-Shabir Se La Ilm Hai Tu!
Ye Wo Jado Hai Jo Aag Pr Bhi Chal Jta Ha!
Jis Dum Krte Hain Mawali Aag Par Matam !
Un Ko Kuch Nahi Hota Or Tu Jal Jta Hai!

अशुरा मुहर्रम और शायरी

Gali Gali men usi ka Parcham, Usi ka sajda jabin jabin pe
Qadm qadm pe sabil uski, nazr nazr men wohi makeen hai
Hawa hawa men usi k nohay, wohi tasawwur khila-nashin hai
Falak falak pe lahoo usi ka,
Usi ki majlis zameen zameen hai;
Hussainyat ko mitanay walon, HUSSAINYAT ab kahan nahi hai

Muharram Poem Kavita

Tareekh ki boorh’ri aankhon ne
Is dasht-e-bala ki garmi mein
Ik shakhs ko baithay dekha hai,
Jo apnay khoon kay qatron say
Is rait kay zarray, zarray par
Kuch satrain likhta jata hai;
Phir garm hawa kay jhonkon say
Yeh zarray phailtay jatay hain,
Aur phail kay saari duniya mein
Ye No’-e-Bashar say kehtay hain:
Yun zulm ko roka jata hai,
Yun kufr ko toka jata hai.
Shabbeer (A.S) nay aa k Karbal mein,
Yeh sab logon ko batlaya:
Duniya kay Yazeedon ko duniya
Say yun hi mitaya jata hai.”

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